Love and Loss दिल के घरौंदे में घर कर गया था एक बसिन्दा, आईने में हर अक्स उसका था दिख रहा। वक्त के साये में बन गया अजनबी परिंदा, अब तो हर पहलू है मुझसे रूठ रहा। वक्त चलाने लगा है अब अपना ख़ंजर, तलब में तुम्हारे खुद की हस्ती है मिट रही। विलुप्त हो गए सारे हसीन मंजर, टूटा दिल वीरान सी रातो में बोझ है धो रहा। ✍️आशुतोष यादव #temperory_Love #Love_Loss #desert_heart Sudha Tripathi