ख़ुशियां थोड़ी, दर्द ज़्यादा रक्खा है। बज़्म-ए-दिल को हमने कुशादा रक्खा है।। आंखें मेरी, ख़्वाब अधूरे उसके हैं, हमने सब कुछ आधा-आधा रक्खा है।। #yqaliem #urdu_hindi_poetry #cinemagraph #khwaab_adhure #zakhm_e_dil #yqbhaijan बज़्म-ए-दिल - Assembly of heart कुशादा - Open, expanded