लोचा समझ न आये मुझको, पीठ पीछे काहे होता तर्क वितर्क तू खुद में गर सही है , फिर काहे बात की है फ़िक्र #लोचा #तर्क_वितर्क #फिक्र #बिंदास_बोल #तूलिका