ना जाने क्यूं यह हवाऐं जहरीली हो गईं, यूं ही देखते ही देखते, चारों दिशाएं मैली हो गईं सोचा था कि नित इक नया सवेरा हो रहा है मेरे देश में , पर ना जाने क्यूं फिर यह हवाऐं , और देशों की तरह ,मेरे विश्वगुरु देश की भी क्यूं, हो गईं ।। मेरा #देश #सच्चा #विश्वगुरु #पर एक। नागरिक के नाते मुझे हक है कि हम बेहतर कल #दूसरों को दें ।।