उठाकर पर्दा इस झूठी दुनिया से, आज सच्चा जादू जीना चाहती हूँ। मैं दुनिया की इस भीड़ में, कोना अकेलेपन का ढूंढ लिया करती हूँ। इस जादुई दुनिया में खो जाने को, मैं समय निकाल लिया करती हूँ। तलब नहीं मुझे नाम कमाने की, बस खुद में ही खोना चाहती हूँ। उठाकर पर्दा...... तकलीफें ज़िन्दगी में हो कितनी भी, मैं खुशियां छोटी-छोटी ढूंढ लिया करती हूँ। तकलीफों से उबरकर, ऊपर उठकर, मैं पंख लगा जादू के, उड़ान भरा करती हूँ। न रखकर सीमित इसे अपने तक, मैं खुशियां सबमें बांटना चाहती हूँ। उठाकर पर्दा...... मैं मदमस्त हूँ नशे में प्रेम के, प्रेम-लीन मैं रहा करती हूँ। जादुई नशे में चूर होकर, सूफ़ियाना सी मस्ती में बहा करती हूँ। पिलाकर सभी को प्याला इस मादकता का, मैं खुद भी पीना चाहती हूँ। उठाकर पर्दा...... स्वप्न-संसार में लीन होकर, हकीकत में उन्हें बदला करती हूँ। पहचानकर जादू को अपने अंदर के, मैं जादुई दुनिया की रचना करती हूँ। दुख-दर्द सभी झूठे हैं, ये जादू मात्र सच्चा है। इस जादू से सबको मैं रूबरू कराना चाहती हूँ। उठाकर पर्दा...... सच्चा जादू... #iwriteofmysoul #magic #believer #believerofmagic #soulful #love #magicalworld #feel #writers #writings #poetry #poem #hindipoetry #hindi