देखो हम आज़ाद हैं, तभी तो एक तरफ गीता और दूसरी तरफ क़ुरान है सब कुछ बिकता है आज़ादी के बाद यहाँ धर्म मज़हब सब कुछ हर कोई विद्वान है धर्म अब जीवन का सलीक़ा नही यहाँ मज़हब के लिए मारने को भी तैयार हैं देखो ना हम कितने आज़ाद हैं जो बेख़बर हैं आज़ादी से ख़रीद लें मिलती तो है हथियारों के दम पर कभी राम तो कभी अल्लाह के नाम पर क्या हुआ जो चार-छः मरेंगे संस्कृति के नाम पर, हमे तो आधुनिक बनना है मगर ज़िहाद के साथ आज़ाद हैं हम, देंगे कीमत आज़ादी की आख़िर हूरों से भी मिलना है, तो क्या हुआ अगर काफ़िर गुज़र गये चार, आज़ाद हैं हम, लड़ेंगे आखिरी सांस तक बदलने को तक़दीर मारेंगे मारेंगे पाने को अपनी ज़ागीर कभी तो होगा तिरंगा, केसरिया या हरा वरना रक्त के छीटों से लाल ही सही आज़ाद हैं हम, ये भी सही वो भी सही... #आज़ादी #हिंदुओं को हिन्दू की, #मुस्लिमों को मुस्लिम की और #हिंदुस्तानियों को हिंदुस्तान की आज़ादी मुबारक़