आर्य समाज का कमाल दिल खोल कर के सवाल करते हैं हम, ढोंगियों-पाखण्डियों का होता बुरा हाल है। भूत-प्रेत को भगाने पीर नहीं पूजते हैं, मूरख बना के कोई खाता नहीं माल है। मुल्ले और पादरी भी डींग हाँकते नहीं हैं, आर्यों के नाम से बदल जाती चाल है। अंधविश्वास कभी सामने न टिकता है, आर्य समाज ने किया यही कमाल है।। ---रोहित