फिर शाम सुहानी छायी है, चांदनी शरमाई है, सितारों ने चादर फैलायी है, मिलने की आस छायी है, होगा मिल्न दो दिलो का आज फिर, बंदेगा कोई बन्धन में आज फिर, बदलो की फिजा होगी, चारो और झिलमिल होगी, फिर शाम सुहानी छायी है, चांदनी शरमाई है।। #evng #sham #chandni #fiza #yqbaba #yqdidi #yq #writer