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माँ चंद्रघंटा देवी नवरात्रि के तीसरे दिन, होती है

माँ चंद्रघंटा देवी

नवरात्रि के तीसरे दिन, होती है जिनकी पूजा ।
चंद्रघंटा कहते हैं उसको नाम नही कोई दूजा ।।

दस हाथों से सज्जित माता, घंटे की ध्वनि बजाए ।
करती सिंह सवारी, सिर पर अर्धचन्द्र सजाए ।।

मंत्र जपकर जो पूजा करते, ॐ नमो चंद्रघंटायै ।
चारों दिश प्रताप तुम्हारा, भक्तों पर सदा सहाय ।।

- अभिषेक अस्थाना(स्वास्तिक)
 माँ चंद्रघंटा देवी

नवरात्रि के तीसरे दिन, होती है जिनकी पूजा ।
चंद्रघंटा कहते हैं उसको नाम नही कोई दूजा ।।

दस हाथों से सज्जित माता, घंटे की ध्वनि बजाए ।
करती सिंह सवारी, सिर पर अर्धचन्द्र सजाए ।।
माँ चंद्रघंटा देवी

नवरात्रि के तीसरे दिन, होती है जिनकी पूजा ।
चंद्रघंटा कहते हैं उसको नाम नही कोई दूजा ।।

दस हाथों से सज्जित माता, घंटे की ध्वनि बजाए ।
करती सिंह सवारी, सिर पर अर्धचन्द्र सजाए ।।

मंत्र जपकर जो पूजा करते, ॐ नमो चंद्रघंटायै ।
चारों दिश प्रताप तुम्हारा, भक्तों पर सदा सहाय ।।

- अभिषेक अस्थाना(स्वास्तिक)
 माँ चंद्रघंटा देवी

नवरात्रि के तीसरे दिन, होती है जिनकी पूजा ।
चंद्रघंटा कहते हैं उसको नाम नही कोई दूजा ।।

दस हाथों से सज्जित माता, घंटे की ध्वनि बजाए ।
करती सिंह सवारी, सिर पर अर्धचन्द्र सजाए ।।