कभी इस तरह तुम भी इज़हार करो, जैसे चांदनी चाँद का करती है। हम तो वैसे भी तुम्हारे हैं, मेरे सनम, जैसे जल बिन मछली तड़पती है। कुछ तुम भी तो समझा करो सनम, मानों दिल तुम्हारे लिए धड़कता है। #इज़हार_ए_इश्क़ #गवाह_ऐ_इश्क़