इक बात जरा पूछे सच-सच बतलाओगी मरती हो ना हम पर कब तक झुटलाओगी जुल्फों को शाने पर यूँ न परेशां कीजे एक फक़त जां है क्या हो भी छिनवाओगी एक तरफ दुनिया का गम औ एक तरफ तुम यानी तुम मुझको-मुझसे ही लड़वाओगी #क़ामिल #Star © साकि़ब अहमद कामिल