अजीब दास्तान है तेरे मेरे सफ़र ए ईश्क की था मोहोब्बत का आगाज़, सुनी हर बात दिल की। मौसम रंगीं, हसीन वादियां, थी रुत प्यार की मच जाती हलचल, आती जब चिट्ठी तेरे नाम की। न वो दिन, न रही वो रातें, कहां होती है अब बातें भूलना चाहता, नही भूल पाता मुलाकात इज़हार की। रफ़्ता-रफ़्ता कट रही जिंदगी, है आरज़ू दीदार की देखता हूँ राह, क्यों ख़त्म नही होती, घड़ी इंतजार की। दिन गया, महीना गया, गुजरता गया हर एक साल हर पल करता हूँ याद, नही आई कोई ख़बर यार की। तुम बदले, बदल गया समझाें मेरे लिए जहां सारा तुम बिन अधूरे हम, अधूरी रही कहानी मेरे प्यार की। ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1091 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।