बात है... रोज की बात है, हर सुबह उठना, काम में खो जाना , भागती जिंदगी को समेटना, कुछ फुरसत के पलों को तलाशना, पलों को नए सपनों संग बुनना, कुछ बीती यादों से धूल पोछना, टूटी हुई तकदीरों के रंग संवारना, खुद को भीतर तक टटोलना, अँखियों के अश्कों को छुपाना, सबको खुश रखना, और खुद को बहकाना , खुश हूँ बहुत मैं,यह बार-बार समझाना, तार-तार हुए दिल को जोड़ना, रिश्तों की दराजों को सीलना, सब ठीक हो जाने की चाहत रखना, मन मसोसकर भी चहकना, थके हुए दिल के हाल पूछना , एडजस्टमेंट के नाम पर,सपनों को उधेड़ना नए सबेरे के लिए,नए आयाम खोजना , अस्तित्व की लड़ाई को झकझोरना, और कभी -कभी उस हार में भी जीत खुशी की खोजना, और स्वभिमान से भरे मन को , चूर होते शरीर के साथ सो जाना, फिर नई सुबह में उसी बात को दोहराना, जो है हर रोज की बात, यह कहने में भी न हिचकिचाना । ©Barkharani Vidhyrthi (Vaidehi) #हररोज #सपने #अस्तित्व #नोजोतो #nojotonews #NojotoHindi #LostTracks