"इस नाचीज़ को कोई नाचीज़ ही जाने, कमियाँ ही समझ नहीं आईं कोई दिवाना हो तो जाने।" प्यार हुआ इश्क हुआ फिर ज़ुनून हुआ दरिया-ए-मौहब्बत पार न करियो, डूबा तो दिवाना हुआ।