कोरी किताब की तरह होती है हमारे जीवन की शुरुआत, गुरू उसमें अपने आचार,विचार और संस्कार भरता है। बाहर से दिखते जरूर कठोर है अन्दर से कोमल हृदय, तीव्र दृष्टिकोण से हमारे अन्दर ज्ञान का आविश्कार करता है। मेरे सर्वं प्रथम गुरू मेरे माता-पिता को गुरू पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं (जिन्होंनें मुझे जीवन के अपने अच्छे संस्कार सिखाये) मेरे विध्या मंदिर के सभी गुरूओं को गुरू पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं (जिन्होने ज्ञान ,शिक्षा और अनुशासन से अवगत कराया) मेरे उन सभी गुरुओं को (चाहे वो छोटा हो या बडा) जिससे मैने जिन्दगी में कुछ न कुछ सिखा उन सभी को गुरू पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं (जिनसे हर रोज कुछ न कुछ सिखता रहता हूँ) ©आकाश भिलावली वाला #happy_guru_purnima #Gurupurnima