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तुम जैसे हसीन साथी की, आज किसे चाह नहीं। मिल जाए त

तुम जैसे हसीन साथी की, आज किसे चाह नहीं।
मिल जाए तुमसा हमसफ़र, ऐसी कोई राह नहीं।

दिल को सुकूँ, मन को क़रार, इतनी सी आरज़ू है।
मिल जाए तेरे बाँहों की गर्मी, ऐसी कोई राह नहीं।

हुस्न-ओ-ख़ुमार, रूप का निखार, वाह तेरी आँखें।
दिल को सुकूँ कहीं मिले, ऐसी कोई ऐशगाह नहीं।

हिरणी जैसी चंचल है, और नागिन जैसी चाल है।
हुस्न तेरा ये देखकर, आशिक़ों का हाल बेहाल है।

सबके मन को मोह लेती, ऐसी कोई लाज़बाब नहीं।
सुकूँ मिले जिसके क़रीब, ऐसी कोई पनाह नहीं।

तुम जैसे हसीन साथी की, आज किसे चाह नहीं।
मिल जाए तुमसा हमसफ़र, ऐसी कोई राह नहीं। ♥️ Challenge-854 #collabwithकोराकाग़ज़

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तुम जैसे हसीन साथी की, आज किसे चाह नहीं।
मिल जाए तुमसा हमसफ़र, ऐसी कोई राह नहीं।

दिल को सुकूँ, मन को क़रार, इतनी सी आरज़ू है।
मिल जाए तेरे बाँहों की गर्मी, ऐसी कोई राह नहीं।

हुस्न-ओ-ख़ुमार, रूप का निखार, वाह तेरी आँखें।
दिल को सुकूँ कहीं मिले, ऐसी कोई ऐशगाह नहीं।

हिरणी जैसी चंचल है, और नागिन जैसी चाल है।
हुस्न तेरा ये देखकर, आशिक़ों का हाल बेहाल है।

सबके मन को मोह लेती, ऐसी कोई लाज़बाब नहीं।
सुकूँ मिले जिसके क़रीब, ऐसी कोई पनाह नहीं।

तुम जैसे हसीन साथी की, आज किसे चाह नहीं।
मिल जाए तुमसा हमसफ़र, ऐसी कोई राह नहीं। ♥️ Challenge-854 #collabwithकोराकाग़ज़

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