रह विषधर के संग में चन्दन बन गया भुजंग, दिनकर की धरती पर उसने लिया कलम से जंग. लिया कलम से जंग तंग कवियों को करता, नाम सुशासन बाबू किन्तु कलम से डरता. देख कलम का डर वो टकराया अम्बर से. अपनी करनी पर वो घबराया है अन्दर से. ©ajay sharma #ANAMIKAJAINAMBER