आज अमृता गर जिंदा होती तो कहती चलो मंटो से मिल आएँ सुना है करतारपुर से नई कोई राह निकली है चलो उस दर्द पर मिलकर मरहम लगाएँ जो जलजलों के पैर के जानिब मिले थे लाहौर सहलाए अम्रतसर नहलाए सुना है करतारपुर से नई कोई राह निकली है खोल दे चल कर सतलज की नावों कों हथेलियाँ लीपें झेलम के गाँवों को टोबा टेक सिंह जा कर जी को टहलाएँ सुना है करतारपुर से नई कोई राह निकली है #NojotoQuote करतारपुर #hindinama #kavishala #kartarpur #skand