दिन भी गुजर गया रात भी बीत गई मेरी तन्हाई के आगे तेरी यादे जीत गई क्या लिखना था क्या लिख रहा हु इश्क़ महोब्बत से मुताख़ीब ना थे अब करना सिख रहा हु #khicher