"फरिश्ताऔर गरीबी " मैं खड़ी थी उस सुनसान रास्ते, जहां कोई ना था, आया था एक हवा का झोंका, जिसने सब कुछ बहा दिया, मैने देखी थी, एक कन्या जिसका इस दुनिया में कोई ना था, खा रही थी ठोकरे दर दर की , आंसुओ ने उससे प्यार किया, एक फटी चीर थी , उसके तन पर , भूख से पेट चिल्ला रहा , जंगलों में भटकती ,सड़कों पर सोती , सर पे छत का नाम न था। आया था एक फरिश्ता बनकर , जिसने उसे संबार दिया , दिया था तन ढकने को वस्त्र , खाने को रोटी का टुकड़ा दिया , एक छोटा सा आश्रय दिया , जिसका कोई नाम न था ,उसको एक नाम दिया , पहचान हुई उसकी सारे जहां में , बड़ा नाम उसे मिला , जिसकेंजीवन में हमेशा गम रहा , उसबेखुसी की झलक मिली, किस्मत ने रंग बदल लिया , दुनिया उसकी बदल गई , एक मासूम को सहारा मिला , सारी कायनात पलट गई । ©Kirti Sharma #moonbeauty #faristaorgaribi#trendingpoemofthisweek#likeseveryone#Iambiffanifkumarvisvas#likesimp#plz#likes#follow#comment# Riya Soni R K Mudgal SHARMA ds banshiwal ds banshiwal