पूछते हैं बच्चे क्यों सड़कों पे अंधेरे हैं, क्या जुर्म है उसका क्यूँ लोग उसे घेरे हैं। क्यूँ बरसती हैं लाठियाँ उसके हर सवाल पे, क्यूँ शांति के इस शहर में दहशत के बसेरे हैं। दर्द का ऐतराम है, के वक्त का कोहराम है,,, मर रही है मोहब्बतें,,