कितना भी #उदास हों हों क्यों न मजबूरियां होगा इस वबा से #लड़ना बस रख दूरियां शहर बदलने से कुछ #बदलाब नहीं होगा #जहाँ जायें उस #शहर में क्या वबा न होगा।। Ppb पूनम पाठक बदायूँ ©Poonam Pathak Badaun #कितनाउदासहों #ख्यालरखें