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दहेज के लिए अर्थी बन चुकी है दुल्हन की डोली, आप बत

दहेज के लिए अर्थी बन चुकी है दुल्हन की डोली,
आप बताओ कैसे खेले हम प्रेम सौहार्द की होली ।

सरहद पर जवानों को लग रही है दुश्मन की गोली,
आप बताओ कैसे खेले हम प्रेम सौहार्द की होली ।।

लाचार माता पिता को सुननी पड़ती है तीखी बोली,
आप बताओ कैसे खेले हम प्रेम सौहार्द की होली ।

कुछ लफंगे रोज उठाते हैं बहनों की लहंगा चोली,
आप बताओ कैसे खेले हम प्रेम सौहार्द की होली ।। #nojoto #poem #holi #kavishala #poetry
दहेज के लिए अर्थी बन चुकी है दुल्हन की डोली,
आप बताओ कैसे खेले हम प्रेम सौहार्द की होली ।

सरहद पर जवानों को लग रही है दुश्मन की गोली,
आप बताओ कैसे खेले हम प्रेम सौहार्द की होली ।।

लाचार माता पिता को सुननी पड़ती है तीखी बोली,
आप बताओ कैसे खेले हम प्रेम सौहार्द की होली ।

कुछ लफंगे रोज उठाते हैं बहनों की लहंगा चोली,
आप बताओ कैसे खेले हम प्रेम सौहार्द की होली ।। #nojoto #poem #holi #kavishala #poetry