बलिदान वीरों के क्या तुम भूल जाओगे रक्त रचित वस्त्र क्या तुम खरीद पाओगे तुम्हारे अंतरतम की आवाज़ को भूल जाना मत, साल में दो बार ध्वज याद कर बस रह जाओगे स्वतंत्रता का मोल क्या इसी तरह से चुकाओगे क्या प्रतिज्ञा बचपन की जवानी में भूल जाओगे अपनी पर आए आँच तो खून खौलता है तुम्हारा, बहन दूजे की को तो हर बार थोड़े ही मुस्कुराओगे हर वो वासी देश का हो किसी भी बोली वेश का कर्तव्य अपना भूल गलती दूजे की जताओगे ऐसे कैसे खुद को स्वतंत्र तुम कहलाओगे अपनी पहचान कर लो सशक्त इतनी "प्रेम", सेवार्थ मातृभूमि मृत्यु पूर्व ही तुम मोक्ष पा ध्वज लहराओगे #firstquote #prempushp #indipendenceday #india