कुछ मिला नहीं , सब खो दिया मैंने पा ना सका कुछ , तो बस रो दिया मैंने इश्क़ भी किया , यारी भी है किया मैंने पाया ना वफा , तो सब छोड़ दिया मैंने किसी गली ने नाकाबिल बताया मुझको उस गली को , जाना छोड़ दिया मैंने गैरों से गिला नहीं , दर्द तो अपनों के थे किसी को अपना बताना छोड़ दिया मैंने सब मानने वाले , छोड़ चले गए फिर रूठ जाना छोड़ दिया मैंने किसी सहर को बदनाम हुए हम खुद को ये कैसा इल्ज़ाम दिया मैंने कुछ मिला नहीं , सब खो दिया मैंने पा ना सका कुछ , तो बस रो दिया मैंने इश्क़ भी किया , यारी भी है किया मैंने पाया ना वफा , तो सब छोड़ दिया मैंने किसी गली ने नाकाबिल बताया मुझको उस गली को , जाना छोड़ दिया मैंने