तुम बंजर हो जाओगे यदि इतने व्यवस्थित ढंग से रहोगे यदि इतने सोच समझकर बोलोगे चलोगे कभी मन की नहीं कहोगे सच को दबाकर झूठे प्रेम के गाने गाओगे तो मैं तुमसे कहता हूँ तुम बंजर हो जाओगे। ~ भवानी प्रसाद मिश्र 🖊️ ©Mizaj Allahabadi तुम बंजर हो जाओगे यदि इतने व्यवस्थित ढंग से रहोगे यदि इतने सोच समझकर बोलोगे चलोगे कभी मन की नहीं कहोगे सच को दबाकर झूठे प्रेम के गाने गाओगे तो मैं तुमसे कहता हूँ तुम बंजर हो जाओगे।