जो खोया वो मेरा नहीं था जो पाया वो भी मेरा नहीं है इदम न मम इदम न मम क्या तेरा है क्या मेरा है एक फूंक का बस ढेला है माटी काया राख की होगी चार दिनों का बस खेला है -मीनू