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वक़्त गुजर गया, तुम नही जगे, देखो दहलिज लांघकर सब

वक़्त गुजर गया, तुम नही जगे,
देखो दहलिज लांघकर  सब चल पडे हैं, 
तुम अबतक खिडक़ी पर आई धुप देख रहे हो,
साकरी है अनतराल समय की,
और तुम थोड़ी देर और केह रहे हो।
देखो कितने चमन खिले हैं, 
असंख्य वादियां तुम्हारे लिए सजी धजी खडी है, 
 और तुमअभी भी चादर की सिसकियाँ बटोर रहे हो, 
चलो गुलशन को गुलजार बनाओ।
देखो सब चल पडे, 
पर तुम नही जागे । #जागो
वक़्त गुजर गया, तुम नही जगे,
देखो दहलिज लांघकर  सब चल पडे हैं, 
तुम अबतक खिडक़ी पर आई धुप देख रहे हो,
साकरी है अनतराल समय की,
और तुम थोड़ी देर और केह रहे हो।
देखो कितने चमन खिले हैं, 
असंख्य वादियां तुम्हारे लिए सजी धजी खडी है, 
 और तुमअभी भी चादर की सिसकियाँ बटोर रहे हो, 
चलो गुलशन को गुलजार बनाओ।
देखो सब चल पडे, 
पर तुम नही जागे । #जागो
niharikasharma2300

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