*✍🏻“सुविचार"*📚 🖊️ *“30/6/2022”*🖋️ 🌫️ *“गुरुवार”*⛈️ “वर्षा की बूंदे” जब “रिमझिम बादलों” से बरसती है तो कितना “अच्छा” लगता है, न केवल इस “वातावरण” को “सुनहरा” बना देती है,“मिट्टी” में समा के इसे भी “सुगंधित” कर देती है, इन “पौधों” को,इन “वृक्षों” को “जीवनदान” देती है,साथ ही अनेक “जीवों का उद्धार” करती है, और सोचिए जब “बादल” फटता है तब क्या होता है, ये सारी “बारिश की बूंदे” “अनियंत्रित” हो जाती है, एक “भयानक बाढ़” का रूप ले लेती है, जो करती है “विनाश”... इसका एक सार है कि “कर्म” किजिए लेकिन “नियंत्रण” में, यदि आप “नियंत्रित” नहीं रहेंगे तो आप भी “जीवनरूपी वर्षा” के स्थान पर एक “भयानक बाढ़” का रूप ले लेंगे, अब “विकास” करना है या “विनाश” “निर्णय” आपका है यदि “विकास” करना चाहते है तो अपने “कर्म के साथ” अपने “मन” पर “नियंत्रण” रखिए और “आत्मविश्वास” भी रखिए... *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📚 🖊️ *“30/6/2022”*🖋️ 🌫️ *“गुरुवार”*⛈️ #“वर्षा की बूंदे” #“बादल”