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प्रेम (भगवान) हर शरीर के हद्रय में स्थित भगवान से

प्रेम (भगवान)
हर शरीर के हद्रय में स्थित भगवान से प्रेम क्यों करें?
क्या भगवान भी बाद में हमसे प्रेम करेगा ?
इसका परिणाम यह कि -
प्रेम ही प्रेम में बदलता है ,एक दिन या कुछ दिनों के बाद में।
बस फर्क इतना होगा कि हमारा प्रेम का स्वरूप, 
एक दिन स्वार्थ रुप में बदल जाएगा।
भगवान के प्रेम का स्वरूप हमेशा निस्वार्थ भाव से, 
हमें निहारता रहेगा जन्मों जन्मों तक।
अब सोचना आपने है कि भगवान से प्रेम कैसे और कब शुरू करें ।

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