पराये आँसुओ से आंखें नम कर रहा हूँ मैं, भरोसा आजकल खुद पर भी कुछ कम कर रहा हूँ मैं बड़ी मुश्किल से जागी थी जमाने की निगाहों में, उसी उम्मीद के मरने का मातम कर रहा हूँ मैं।। ©Anandilwale पराये आँसुओ से आंखें नम कर रहा हूँ मैं, भरोसा आजकल खुद पर भी कुछ कम कर रहा हूँ मैं बड़ी मुश्किल से जागी थी जमाने की निगाहों में, उसी उम्मीद के मरने का मातम कर रहा हूँ मैं।। । । । ।