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जिसको सौ बार देख हैरान हो चुके, फिर एक बार उसे देख

जिसको सौ बार देख हैरान हो चुके,
फिर एक बार उसे देखने को जी चाहे ।

चाहे, न चाहे, जाएं जहां,
उसकी परछाई मुझे नजर आए वहां ।

वो मदिरा, मैं साकी,
हर बार उसे होंठ लगाने को जी चाहे ।

                             --Manas Priya जिसको #सौ बार देख #हैरान हो चुके,
फिर एक बार उसे #देखने को जी चाहे ।

चाहे, न चाहे, जाएं जहां,
उसकी #परछाई मुझे #नजर आए वहां ।

वो #मदिरा, मैं #साकी,
हर बार उसे #होंठ लगाने को जी चाहे ।
जिसको सौ बार देख हैरान हो चुके,
फिर एक बार उसे देखने को जी चाहे ।

चाहे, न चाहे, जाएं जहां,
उसकी परछाई मुझे नजर आए वहां ।

वो मदिरा, मैं साकी,
हर बार उसे होंठ लगाने को जी चाहे ।

                             --Manas Priya जिसको #सौ बार देख #हैरान हो चुके,
फिर एक बार उसे #देखने को जी चाहे ।

चाहे, न चाहे, जाएं जहां,
उसकी #परछाई मुझे #नजर आए वहां ।

वो #मदिरा, मैं #साकी,
हर बार उसे #होंठ लगाने को जी चाहे ।