तम का मातम क्यों, किसी "दीपक" से मिलो या खुद किसी की रौशनी बन जाओ ना... भूत को भूलो क्यों, भविष्य के स्वप्न लिए वर्तमान में बस भूत से आगे निकल जाओ ना... डर से तर-बतर क्यों, ब्लड-प्रेशर के सबसे निचले स्तर से मिलकर सहज हो फिर से साहस का ध्वज संभालो ना... विरह में विष क्यों, बस प्रेम का मंथन कर फिर दुनिया को इश्क़-अमृत समझाओ ना... मयखाने में मय ही क्यों, बस कुछ दोस्तों के साथ बैठ कर अपना चाय का कप उनके ज़ाम के प्याले से टकराओ ना... Waise koi mana nahi karta Pub mein aap apni green tea ke packet le jaa sakte ho aur garam paani to mil hee jata hai 😂😁 #modishtro #deepakkanoujia डरते क्यूं हो..? Collab open🔓...🙂✍🏽 ____________________________________ अतीत और उम्मीदों के बोझ से रोज़ लड़ते हैं हम, लेट के रातों में एक अलग ही दुनिया में खोते हैं हम!