मेरे सपनों की बारात में हौसला, उम्मीद, लक्ष्य बन कर आये बाराती, दिल मे नई उमंग व तंरग बस पा लेना है सोच रातों को नींद न आती, अन्तरात्मा में जगी एक आस है चाँद सितारों सा जगमगा दूँ ये जहां, पूरी हो सबकी दिल-ए-तम्मना जो मांगे वो मिल जाये तरसे न कोई यहाँ, न हो मन विचलित रख हौसला पूरे होंगे तेरे बुने सारे अधूरे ख़्वाब, रख विश्वास व कर अड़िग हौसला चमकेंगे ख़्वाब जैसे आफ़ताब। 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫Collab with रचना का सार..📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को प्रतियोगिता:-83 में स्वागत करता है..🙏🙏 *आप सभी 4-6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा।