Nojoto: Largest Storytelling Platform

मेहमां सा आता है तू दो पल के लिए ! तेरी नवाज़िश का

मेहमां सा आता है तू दो पल के लिए !
तेरी नवाज़िश का लुफ़्त उठाता क्यों नही !
खिड़कियों पे पर्दे है मोहब्बत की मेरे
तू दरवाज़े की धूल को हटाता क्यों नहीं !
तेरे लिए महफ़िल जमाई साक़ी बुलाई मैंने
दो चार इश्क़ ए जाम छलकाता क्यों नही !
 Good morning 💕👴:
कुछ तो बोल चुप क्यों बैठा है
होले से होंठ अपने हिलाता क्यों नहीं !
 :🌹💕🙋🙇
मय भी है मीना भी हाथों साग़र उठाता क्यों नहीं !
:👦💝🍷🍷
जन्म दर जन्म प्यास बढ़ती गई मेरी
महबूब मेरे नज़रों के नूर से बुझाता क्यों नही !
मेहमां सा आता है तू दो पल के लिए !
तेरी नवाज़िश का लुफ़्त उठाता क्यों नही !
खिड़कियों पे पर्दे है मोहब्बत की मेरे
तू दरवाज़े की धूल को हटाता क्यों नहीं !
तेरे लिए महफ़िल जमाई साक़ी बुलाई मैंने
दो चार इश्क़ ए जाम छलकाता क्यों नही !
 Good morning 💕👴:
कुछ तो बोल चुप क्यों बैठा है
होले से होंठ अपने हिलाता क्यों नहीं !
 :🌹💕🙋🙇
मय भी है मीना भी हाथों साग़र उठाता क्यों नहीं !
:👦💝🍷🍷
जन्म दर जन्म प्यास बढ़ती गई मेरी
महबूब मेरे नज़रों के नूर से बुझाता क्यों नही !