*______गजल______* पुराने आशियाने का गम भुलाने का मन करता है। इश्क़ में शीटी नहीं सरगम बजाने का मन करता है। अब तक तू केवल इन हाथों मे गुलाब देखा है अब तेरी आंखों को बम दिखाने का मन करता है। पटाखें बहुत बजाए यारो बचपन कि दिवली में अबकी दिवाली में बम बजाने का मन करता है। जो सरगम कि गम कि बात करते है ना लोग अब उन्हें भी कुछ दम दिखाने का मन करता है। जिन्हें मेरी जिंदगी में बहुत ही सीधापन दिखा उन्हें भी जिंदगी का ख़म दिखाने का मन करता है। *_प्रिन्शु लोकेश* #gajal