*मै दीपक हूँ, मेरी दुश्मनी तो* *सिर्फ़ अंधेरे से है,,,,* *हवा तो बेवजह ही मेरे* *ख़िलाफ़ है!* *हवा से कह दो कि खुद को* *आज़मा के दिखाए,,,,,,* *बहुत दीपक बुझाती है,* *एक जला के दिखाए !!* Alfaz ❤️❤️