जिसने ख़ुद मुझे लिखा, उसकी गाथा को भला कौन लिख पाएगा, माँ के लिए शब्दकोश तो क्या, सारा ब्रह्माण्ड भी कम पड़ जाएगा। माँ की ममता इक अनमोल सुधा, जो नसीब वालों पर बरसते हैं, माँ का प्यार सबके नसीब नहीं, इसके लिए देवलोक भी तरसते हैं। माँ के इर्द-गिर्द सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड, माँ उस ब्रह्माण्ड की घुमती धुरी है, माँ से ही सम्पूर्ण सृष्टि, माँ बिना सृष्टि की कल्पना भी अधुरी है। 🌷सुप्रभात🌷 🔴 प्रतियोगिता संख्या - 01 ... 🔴 शीर्षक - माँ ... 🔴 सुंदर शब्दों से छ: पंक्तियों में रचना लिखें ...