देश का आलोक क्या हाल हो गया? आम आदमी मंहगाई से हार गया। अब और नही केंद्र में बीजेपी चाहिए, मनमोहन जी जैसे अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री चाहिए।। देश का युवा रो रो कर अधेड़ हो रहा, भारत का भविष्य मोबाइल से खेल रहा। भ्रष्टाचार और बेरोजगारी चरम सीमा पार कर रहा, हर धर्म महज़ नौ वर्षों में संकट से आ घिरा। पारदर्शिता,शिक्षा,स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं के सारे वादे आलोक गुलर के फूल हो गए।। संविदा,अग्निवीर जैसे तमाम घटिया किरदार बनाकर, युवाओं का निरंतर शोषण करते जा रहे हैं सभी। खुद तो पेंशन और हर सत्र में अपना वेतन बढ़ाते हैं, सैनिकों तक के पेंशन को ये लगातार खा रहे। समय हर बार अवसर नही देता ए भारत के वाशिंदों, मनमोहन हैं इक्यानवे के लाओ पुनः सत्ता में उनको।। ©आलोक अग्रहरि #2024election