ज़माने का ये स्वरूप है वीभस्त । आगे आने वाले ज़माने से डरों वत्स ।। परवरिश में प्यार का शुमार नहीं होगा । वत्स घर में रहेगा, घर से बाहर नहीं होगा ।। #BenaamAlfaz #YourQuoteAndMine Collaborating with Benaam Alfaz