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एक शाम पाठक के नाम तेरे जख़्मों की आवाज़ बनूँ मैं,

एक शाम पाठक के नाम

तेरे जख़्मों की आवाज़ बनूँ मैं,
तेरे घावों की पहचान बनूँ मैं।

लिखूँ तेरे हर बुरे दौर की कहानी,
कुछ ऐसे भी तेरी परवाज़ बनूँ मैं।

जो निकल ना पाई होकर भय के वशीभूत,
उस 'आह' का सफ़र आसान करूँ मैं।

जो दबा दी गहरी, जीवन की आपाधापी में,
उन सब पीड़ाओं को अर्थ प्रदान करूँ मैं।

तुझको लिखते-२ चला जाऊँ एक रोज़,
कुछ ऐसा ही 'सौमित्र' मेरे यार बनूँ मैं। #yqdidi 
#yqshaam 
#yqpathak 
#yqnaam 
#yqsaumitr 
#yqbanunmai
#yqbaba 
#yqdidi
एक शाम पाठक के नाम

तेरे जख़्मों की आवाज़ बनूँ मैं,
तेरे घावों की पहचान बनूँ मैं।

लिखूँ तेरे हर बुरे दौर की कहानी,
कुछ ऐसे भी तेरी परवाज़ बनूँ मैं।

जो निकल ना पाई होकर भय के वशीभूत,
उस 'आह' का सफ़र आसान करूँ मैं।

जो दबा दी गहरी, जीवन की आपाधापी में,
उन सब पीड़ाओं को अर्थ प्रदान करूँ मैं।

तुझको लिखते-२ चला जाऊँ एक रोज़,
कुछ ऐसा ही 'सौमित्र' मेरे यार बनूँ मैं। #yqdidi 
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manishkumar3147

Manish Kumar

New Creator