सच में ग़मों ने ढूँढ लिया है मुझको, अब तो आशियाना तक बना लिया। ख़ुशियाँ जब-जब भी आना चाहती, पास इन्हें हमारे ये आने नहीं देते। ©Das Sumit Malhotra Sheetal सच में ग़मों ने ढूँढ लिया है मुझको, अब तो आशियाना तक बना लिया। ख़ुशियाँ जब-जब भी आना चाहती, पास इन्हें हमारे ये आने नहीं देते। #ग़मो ने ढूँढ लिया है मुझको