किस कुरान में ये दावा किया है उस पाक खुदा ने । जान लेना हुनर बताया है उस पाक खुदा ने । हमे भी बता दो कौन से सुकून की तलाश में आज हजारों रिश्तो को दफन किया है तुमने। कौन सी आजादी की चाह में इन्सान की जान को कब्र किया है तुमने। आज फिर से अपने वजूद को खुदा की पाक नजर में नापाक किया है तुमने। बहुत खुश होंगे कि क्या खूब किया है हमनें । जरा अपनी अम्मी को याद करना तब पता चलेगा कि किसी अम्मी का चिराग उससे दूर किया है तुमने क्या खूब जश्न मनाया होगा उस रात तुमने । अपनी महोब्बत को याद करना फिर समझ आयेगा किसी का अशियाना तबाह किया है तुमने । आज फिर से अपने वजूद को खुदा की पाक नज़र में नापाक किया है तुमने । अल्लाह की रहमत को मजाक बनाया है तुमने । उसकी खुदाई को शमशान बनाया है तुमने । क्या दुआ मांगी होगी अपने रब से तुमने । क्या अपने नापाक गुनाहो की माफी मांगी होगी तुमने । कयोंकि उसके कितने सुन्दर खिलौनों को मिट्टी बनाया है तुमने । आज फिर से अपने वजूद को अल्लाह की नजर में गिराया है तुमने । क्या खूब आतंक फैलाया है तुमने अपने मजहब को आतंकी ठहराया है तुमने । खुदा की नजरों में खुद को गिराया है तुमने । कुरान ए पाक के असूलो को क्या खूब अपनाया है तुमने । अपने किस सुकून के लिए बेकसूर लोगों दफनाया है तुमने । आज फिर से अपने वजूद को खुदा की नजर में गिराया है तुमने । तुम ही बताओ कि क्या अल्लाह ने आतंक को रहमत बताया है । हाल पुछना कभी उस माँ से जिसका लाल तिरगें में लिपटा घर आया है । किस आजादी की चाह में अपनो का खून बहाया है तुमने । आज फिर से अपने वजूद को खुदा की पाक नजर में गिराया है तुमने