बारिश की बूंदों सा बिखरने दो इन्हे, बेटियां ख्वाब हैं तो संवरने दो इन्हे, फीके से रिवाजों में ना तोला करो, तीखे से बोल ना बोला करो, बेटियां तो ताज हैं ना सर का तुम्हारे सो बेहिसाब निखरने दो इन्हे.... #बेटियां #रिवाज #तोल_मोल #तीखे_बोल #ताज #सर #शायर_ए_बदनाम