जानू चालीसा माल के तोहरे हमहू निहारब। रहा ससुर तोहार काम बिगारब॥१॥ मालवा के अपने नाम बतावा । भाई हमार तू काम बनावा ॥२॥ मलवा पहिने कपड़ा तंगी। जियब मरब हम ओकरे सङ्गी ॥३॥ माल के द तू अपने सनेसा । दाढ़ी बार बनावा केसा ॥४॥ अखियाँ मारे त जियरा बाजे। होठवा लाल जोबना साजै ॥५॥ ©vimlesh yadav official #जानू #चालिसा