औस की बूंदों में रात भर ठंड में कोई इंतजार करते हुए ठहरा है.. मैं किसी को कुछ नही बताऊँगा ये राज आईने की तरह साफ और बहुत गहरा है.. आसूँ बन गए औस मेरी आँखों पर चश्मे का पहरा है.. कोई तेरे पीछे तड़प तड़प कर मरा है लेकिन तुझे बताऊँगा नही क्योंकि ये सदमा लगा किसी को बहुत गहरा है.. गौर से देख इन बूंदों को किसी अक्स अभी भी इसमें ठहरा है।। राहुल पटैरिया #Nojotoquotes #औस की #बूंद #मेरी#कलम_से