** जोड़ रहा हूं *** तेरे यादों की माला पिरो रहा हूं। तेरे आने की बाट मैं जोह रहा हूं। लौटोगे किसी दिन दुनिया की भीड़ से, बीते ख्यालों से खुद को भिगो रहा हूं। तनहाई क्या होती है जान गया हूं मैं, इस अकेलेपन में खुद को टोह रहा हूं। हावी न हो पाएं मुझपे तेरा बिछड़ना, जिंदगी को इन गमों से रोह रहा हूं। बुझ न जाएं सांसें गुजरते लम्हों के संग, इसलिए सांसों को शून्य से जोड़ रहा हूं। ©$ubha$"शुभ" #ForYou#love#यादें#Uशुभ#तुम #freebird