जो खाब थे हर बात अधूरे ही रहे जिन को दिल से चाहा बो दूर ही रहे महोबत हुई मुझे मगर महोबत अधूरी ही रही मुस्कुरा देते हैं हर बार जब महोबत की बात होती हैं अंदर से तो तकलीफ़ होती हैं महोबत कहा बार बार होती हैं ©Atul choudhary #OneSeason Suresh Kumar Kushwaha #महोबत #करती