इक बेनाम सी उम्मीद लिए जमीं से जुड़े बैठे हैं ख्वाब ना जाने कितने ज़ंजीरों से बंधे हैं क़दम कहीं भी हों जंजीरें ख़्वाबो कि घर देखती है रोशन करना घर अपना दीए मिट्टी के लेना वो उम्मीद लिए बेनाम सी खुशियों पर हक़ वो भी रखते हैं #secondquote #piccreditgoogle #happydiwali #bekind #palak