ख्वाहिशें तो दिल मे उपजती है निस-दिन, पर मुकम्मल करने की तासीर कैसे बुंनू तेरे बिन। @आशुतोष यादव #alone #ख्वाहिशों_का_बोझ #ख़्वाहिश_है_इस_दिल_मे #अकेला_और_बेबस deepti😊 indira Sudha Tripathi